PMEGP
📌 विषय-सूची (Table of Contents)
- परिचय
- शुरुआत का वर्ष और कार्यान्वयन एजेंसी
- मुख्य उद्देश्य
- लाभार्थी की पात्रता
- योजना के अंतर्गत ऋण सहायता
- सब्सिडी की दर
- उद्योग और सेवा क्षेत्र
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- निगरानी और प्रशिक्षण
- योजना की सफलता और प्रभाव
1. परिचय
PMEGP का फुल फॉर्म Prime Minister's Employment Generation Programme है। यह भारत सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना है। यह योजना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि लोग अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
यह योजना शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के युवाओं के लिए एक अवसर बन चुकी है, जो नौकरी के बजाय अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करना चाहते हैं। यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
PMEGP योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है और यह ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ शहरी बेरोजगारी को भी कम करने में सहायक है। यह योजना स्वरोजगार की भावना को बढ़ावा देती है।
इस योजना का लाभ उठाकर लाखों लोग छोटे उद्योगों की स्थापना कर चुके हैं, जिससे ना केवल उनका जीवन सुधरा है, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार मिला है।
2. शुरुआत का वर्ष और कार्यान्वयन एजेंसी
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2008 में की गई थी। इसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) के तहत चलाया जाता है। इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है।
KVIC इस योजना की मुख्य नोडल एजेंसी है, जो इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करती है। राज्य स्तर पर खादी बोर्ड और जिला उद्योग केंद्र (DICs) इसके कार्यान्वयन में मदद करते हैं।
इस योजना का संचालन एक समन्वित दृष्टिकोण से किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि देश के विभिन्न हिस्सों में योजना का लाभ लोगों तक समान रूप से पहुंचे।
इसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा धनराशि जारी की जाती है और संबंधित बैंक ऋण की सुविधा देते हैं। KVIC योजना की मॉनिटरिंग और लाभार्थियों को मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।
3. मुख्य उद्देश्य
PMEGP का प्रमुख उद्देश्य देश में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना है। यह बेरोजगार युवाओं को अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित करती है, जिससे रोजगार सृजन होता है। विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
इस योजना के माध्यम से पारंपरिक उद्योगों का संरक्षण भी होता है, जैसे कि हथकरघा, दस्तकारी, और खादी उद्योग। यह न केवल रोजगार बढ़ाता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करता है।
PMEGP का लक्ष्य है कि प्रत्येक व्यवसाय की स्थापना से कम से कम दो से पाँच लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार मिले।
4. लाभार्थी की पात्रता
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। न्यूनतम आठवीं कक्षा तक की शिक्षा आवश्यक है, यदि परियोजना लागत ₹10 लाख (सेवा क्षेत्र में ₹5 लाख) से अधिक हो।
PMEGP योजना के लिए कोई आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अवसर मिलता है।
इस योजना के अंतर्गत केवल नए उद्यमों को सहायता मिलती है। पहले से चल रहे व्यवसायों को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (SHGs), सहकारी समितियाँ, और ट्रस्ट इस योजना के लिए पात्र होते हैं, यदि वे आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं।
5. योजना के अंतर्गत ऋण सहायता
PMEGP योजना के तहत लाभार्थियों को ₹25 लाख तक की ऋण सहायता मिल सकती है यदि वह निर्माण (Manufacturing) से जुड़ा व्यवसाय हो।
सेवा क्षेत्र (Service Sector) के लिए अधिकतम ₹10 लाख तक की परियोजना को वित्त पोषित किया जा सकता है। यह सहायता बैंक ऋण के रूप में मिलती है।
इस योजना के अंतर्गत बैंक द्वारा परियोजना लागत का 90% तक ऋण प्रदान किया जाता है और लाभार्थी को केवल 10% अंशदान देना होता है।
यह ऋण राष्ट्रीयकृत बैंकों, ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाता है।
6. सब्सिडी की दर
PMEGP योजना के अंतर्गत सब्सिडी की दर ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य वर्ग के लिए 25% और विशेष वर्ग के लिए 35% तक होती है।
शहरी क्षेत्रों में यह दर सामान्य वर्ग के लिए 15% और विशेष वर्ग (SC/ST/OBC/महिला/दिव्यांग) के लिए 25% होती है।
यह सब्सिडी लाभार्थी को सीधे नहीं दी जाती, बल्कि यह ऋण की राशि से घटाकर दी जाती है।
यह सुविधा लोगों को कम पूंजी में व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाती है और उनका आर्थिक बोझ घटाती है।
7. उद्योग और सेवा क्षेत्र
इस योजना के अंतर्गत निर्माण उद्योग, सेवा उद्योग, दस्तकारी, हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण, और खादी उद्योग जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है।
गांवों में हस्तशिल्प, गोबर गैस प्लांट, अगरबत्ती निर्माण, सिलाई केंद्र जैसे रोजगार भी शामिल होते हैं।
शहरी क्षेत्र में फोटोकॉपी सेंटर, कंप्यूटर टाइपिंग, मोबाइल रिपेयरिंग और ब्यूटी पार्लर जैसे सेवाएं इस योजना के अंतर्गत आती हैं।
लाभार्थी को व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वह उद्योग का कुशल संचालन कर सके।
8. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
PMEGP योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन KVIC की आधिकारिक वेबसाइट पर किया जा सकता है।
आवेदक को आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, परियोजना रिपोर्ट, और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करने होते हैं।
ऑनलाइन आवेदन के बाद चयन प्रक्रिया होती है, जिसमें परियोजना की वैधता का मूल्यांकन किया जाता है।
यदि योजना स्वीकृत होती है, तो बैंक ऋण प्रक्रिया शुरू करता है और सब्सिडी स्वचालित रूप से संबंधित बैंक खाते में जुड़ जाती है।
9. निगरानी और प्रशिक्षण
PMEGP योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को व्यवसाय संचालन, वित्त प्रबंधन और विपणन से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है।
यह प्रशिक्षण ग्रामीण विकास संस्थानों और MSME मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
प्रशिक्षण की अवधि आमतौर पर 10 से 15 दिन होती है, जिसके बाद लाभार्थी को प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।
KVIC और बैंक मिलकर समय-समय पर परियोजना की निगरानी करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यवसाय सफलतापूर्वक चल रहा है।
10. योजना की सफलता और प्रभाव
PMEGP योजना के अंतर्गत लाखों लोगों ने छोटे उद्योग स्थापित किए हैं, जिससे भारत में रोजगार दर में वृद्धि हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं का शहरों की ओर पलायन कम हुआ है, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास को गति मिली है।
इस योजना से महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा मिला है, जिससे समाज में आर्थिक समानता आई है।
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना के तहत प्रतिवर्ष लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार मिला है।
📊 योजना से संबंधित सारणी
श्रेणी | ग्रामीण क्षेत्र | शहरी क्षेत्र |
---|---|---|
सामान्य वर्ग सब्सिडी | 25% | 15% |
विशेष वर्ग सब्सिडी | 35% | 25% |
अधिकतम ऋण (निर्माण) | ₹25 लाख | |
अधिकतम ऋण (सेवा) | ₹10 लाख |
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- PMEGP का पूरा नाम क्या है?
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister's Employment Generation Programme)। - क्या विद्यार्थी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं?
हां, यदि वे 18 वर्ष से अधिक हैं और पात्रता पूरी करते हैं। - क्या पहले से चालू व्यवसाय इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
नहीं, केवल नए व्यवसायों को ही पात्रता प्राप्त है। - क्या इस योजना में कोई गारंटी की आवश्यकता होती है?
₹10 लाख तक के ऋण पर कोई गारंटी आवश्यक नहीं होती। - क्या महिला उद्यमी को विशेष लाभ मिलता है?
हां, उन्हें विशेष श्रेणी में रखा जाता है और अधिक सब्सिडी मिलती है। - PMEGP प्रशिक्षण अनिवार्य है?
हां, यह अनिवार्य है और योजना की शर्तों में शामिल है। - आवेदन के बाद ऋण स्वीकृति में कितना समय लगता है?
आमतौर पर 2 से 3 महीने लगते हैं। - क्या योजना में परियोजना रिपोर्ट आवश्यक है?
हां, यह योजना का महत्वपूर्ण भाग है। - PMEGP और मुद्रा योजना में क्या अंतर है?
PMEGP सब्सिडी-आधारित है जबकि मुद्रा योजना सामान्य ऋण योजना है। - PMEGP की वेबसाइट क्या है?
https://www.kviconline.gov.in/pmegp/
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