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What is mutual fund in hindi

म्यूचुअल फंड एक पेशेवर रूप से प्रबंधित निवेश योजना है। यह योजना सामान्यतः एसेट मेनेजमेन्ट कंपनी द्वारा चलाई जाती है जो लोगों के एक ग्रुप को एक साथ लाती है। यह स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में अपना पैसा निवेश करती है।

इनवेस्टर के रूप में, आप म्यूचुअल फंड यूनिट्स क्रय कर सकते हैं, जो किसी विशेष योजना में आपकी हिस्सेदारी का घोतक हैं। इन इकाइयों को फंड के मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (NAV) पर जरूरत के अनुसार क्रय किया या भुनाया जा सकता है। फंड की होल्डिंग के अनुसार इन एनएवी में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। इसलिए, हर निवेशक फंड के प्रॉफिट या हानि में एवरेज रूप से भाग लेता है।

सभी म्यूचुअल फंड सेबी के पास रजिस्ट्रेट हैं। वे निवेशक के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए सख्त रेगुलेशन के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य करते हैं।

म्यूचुअल फंड क्या है?

परिभाषा = निवेशकों द्वारा वित्त पोषित एक इनवेस्टमेंट प्रोग्राम जो विविध होल्डिंग्स में ट्रेड करता है और पेशेवर रूप से प्रबंधित (Managed) होता है।
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अलग अलग तरह के म्यूचुअल फंड कौनसे हैं?

जब आप किसी कार शोरूम में जाते हैं, तो आपको बहुत सारी अलग-अलग कारों के मॉडल दिखाई देते हैं जैसे हैचबैक, सेडान, एसयूवी और स्पोर्ट्स कार आदि। शोरूम में हर कार का मॉडल अलग उद्देश्य को पूरा करता है। कोई साहसी व्यक्ति को स्पोर्ट्स कार पसंद आ सकती है, जबकि पारिवारिक व्यक्ति को एसयूवी अच्छी लग सकती है। ठीक उसी तरह, हमारे देश में अलग अलग तरह के म्यूच्यूअल फण्ड हैं।

परिसंपत्ति क्लास (asset class) के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार

debt fund (what is debt fund in hindi)
इसे फिक्स्ड इनकम फंड भी कहा जाता है। यहां सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड जैसी संपत्तियों में निवेश करते हैं। निवेशक को उचित रिटर्न देना ही इन फंडों का उद्देश्य है। ये फंड कम जोखिम भरे माने जाते है। अगर आप जोखिम से बचते हैं और एक स्थिर आय का लक्ष्य रखते हैं तो ये फंड आपके लिए आदर्श हैं।

इक्विटी फंड (what is equity fund in hindi)
debt fund (ऋण निधि) के विपरीत, इक्विटी फंड आपके धन को शेयरों में निवेश करते हैं। इन फंडों के लिए पूंजी में वृद्धि एक महत्तवपूर्ण उद्देश्य है। लेकिन इक्विटी फंडों पर रिटर्न शेयरों के भावों के उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है, इसलिए इन फंडों में जोखिम का लेवल अधिक होता है।

हाइब्रिड फंड
इस तरह के निवेश में इक्विटी के साथ-साथ ऋण भी होते हैं। हाइब्रिड फंड इक्विटी और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज दोनों के मिश्रण में निवेश करते हैं। 

संरचना के आधार पर फंड के प्रकार:

ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड
ओपन-एंडेड फंड म्यूचुअल फंड वे होते हैं जहां कोई इनवेस्टर किसी भी बिजनैस दिन में निवेश कर सकता है। इन फंडों को उनके नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर क्रय और विक्रय किया जाता है। ओपन-एंडेड फंड बहुत ज्यादा तरल होते हैं क्योंकि आप अपनी सुविधानुसार किसी भी व्यावसायिक दिन पर फंड से अपनी इकाइयों को विक्रय करके भुना सकते हैं।

क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड
क्लोज-एंडेड फंड पहले से निर्धारित मैच्योरिटी अवधि के साथ आते हैं। निवेशक फंड के लॉन्च होते समय ही उसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं और मैच्योरिटी के समय ही फंड से अपना धन निकाल सकते हैं। ये फंड शेयर बाजार में शेयरों की तरह ही सूचीबद्ध होते हैं। ये फंड बहुत ज्यादा तरल नहीं होता हैं क्योंकि ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत कम होता हैं।

निवेश के उद्देश्य के आधार पर फंड के प्रकार:

ग्रोथ फंड
ग्रोथ फंड्स का मुख्य उद्देश्य कैपिटल एप्रिसिएशन है। ये फंड धन का एक बड़ा भाग शेयरों में लगाते हैं। इक्विटी में ज्यादा इनवेस्ट करने के कारण ये फंड अपेक्षाकृत ज्यादा जोखिम युक्त हो सकते हैं। इसलिए इनमें लंबी अवधि के लिए इनवेस्टमेंट करना ठीक रहता है। 

इनकम फंड
इनकम फंड इन्वेस्टर्स को एक स्थिर आय प्रदान करने की कोशिश करते हैं। ये डेट फंड हैं जो अधिकतर बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों और जमा प्रमाणपत्र आदि में इन्वेस्ट करते हैं। ये कम जोखिम वाले इन्वेस्टर्स के लिए सही हैं।

लिक्विड फंड
लिक्विड फंड शॉर्ट टाइम मुद्रा बाजार के साधनों में पैसा लगाते हैं जैसे ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी), टर्म डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर आदि। लिक्विड फंड आपके सरप्लस पैसे को कुछ दिनों या फिर कुछ महीनों के लिए एक इमरजेंसी फंड बनाने में सहायता करते हैं।

टैक्स सेविंग फंड
टैक्स सेविंग फंड आपको इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80C के अन्तर्गत टैक्स लाभ प्रदान करते हैं। आप इन फंडों में निवेश करके हर वर्ष टैक्स लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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