भारत में ई-पासपोर्ट
Table of Contents
- ई-पासपोर्ट का परिचय
- RFID चिप क्या है और कैसे काम करती है
- बायोमेट्रिक डेटा का महत्व
- Passport Seva Programme 2.0 का रोल
- ई-पासपोर्ट जारी होने की स्थिति (80 लाख+)
- ई-पासपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ
- पारंपरिक पासपोर्ट और ई-पासपोर्ट में अंतर
- 2035 तक पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट का लक्ष्य
- ई-पासपोर्ट के लाभ
- ई-पासपोर्ट जारी कराने की प्रक्रिया
1. ई-पासपोर्ट का परिचय
भारतीय नागरिकों के लिए ई-पासपोर्ट एक आधुनिक डिजिटल यात्रा दस्तावेज है, जिसमें बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित तरीके से स्टोर करने के लिए RFID चिप शामिल की जाती है। इससे पारंपरिक पासपोर्ट की तुलना में अत्यधिक सुरक्षा और विश्वसनीयता मिलती है।
इसके लॉन्च के बाद से भारत ने पासपोर्ट सिस्टम को तकनीकी रूप से अधिक उन्नत बनाया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान पहचान की प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो सके। ई-पासपोर्ट में मशीन रीडेबल ज़ोन (MRZ) और इलेक्ट्रॉनिक चिप दोनों मौजूद रहते हैं।
ई-पासपोर्ट का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की जानकारी को डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित तरीके से संग्रहीत करके पहचान प्रक्रिया को आधुनिक बनाना है। यह वैश्विक सुरक्षा मानकों का पालन करता है।
भारत अब दुनिया के उन देशों की सूची में शामिल हो चुका है जो अपने नागरिकों को डिजिटल और सुरक्षित यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं।
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2. RFID चिप क्या है और कैसे काम करती है
RFID (Radio Frequency Identification) चिप एक माइक्रोप्रोसेसर आधारित तकनीक है, जिसमें डेटा रेडियो वेव्स के माध्यम से रीड किया जा सकता है। यह चिप ई-पासपोर्ट के अंदर एम्बेड होती है।
यह चिप स्कैनर के पास आते ही सक्रिय हो जाती है और एन्क्रिप्टेड जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा करती है। इससे डेटा की चोरी या छेड़छाड़ की संभावना बेहद कम हो जाती है।
RFID चिप में धारक की फोटो, फिंगरप्रिंट, व्यक्तिगत विवरण और पासपोर्ट संबंधित जानकारी मौजूद रहती है, जो डिजिटल रूप से सुरक्षित रहती है।
दुनिया भर के एयरपोर्ट्स पर आधुनिक स्कैनर इस चिप को सेकंडों में पढ़ लेते हैं, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया तेज हो जाती है।
3. बायोमेट्रिक डेटा का महत्व
बायोमेट्रिक डेटा व्यक्ति की विशिष्ट पहचान का सबसे विश्वसनीय तरीका है, क्योंकि यह हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। ई-पासपोर्ट में यह जानकारी डिजिटल रूप से चिप में स्टोर रहती है।
इसमें चेहरे की पहचान, उंगलियों के निशान और अन्य पहचान संबंधी डेटा शामिल होता है, जिसे एन्क्रिप्टेड रूप में सुरक्षित किया जाता है।
यह डेटा सीमा सुरक्षा एजेंसियों के लिए व्यक्ति की पहचान को सत्यापित करना आसान बनाता है और फर्जी पहचान के मामलों में कमी लाता है।
इसके अलावा, बायोमेट्रिक आधारित पासपोर्ट का उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक विश्वसनीय माना जाता है।
4. Passport Seva Programme 2.0 का रोल
Passport Seva Programme Version 2.0 भारत सरकार की सबसे आधुनिक सेवाओं में से एक है, जिसके अंतर्गत ई-पासपोर्ट की शुरुआत की गई थी। इस प्रोग्राम में अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
इससे पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया अधिक डिजिटल, तेज और सटीक हो गई है। नागरिक ऑनलाइन आवेदन, दस्तावेज अपलोड और अपॉइंटमेंट प्राप्त कर सकते हैं।
PSP 2.0 में नई मशीनों और तकनीक का उपयोग करके पासपोर्ट प्रिंटिंग को अधिक सुरक्षित बनाया गया है।
इस प्रोग्राम ने देशभर में ई-पासपोर्ट जारी करने की क्षमता को बहुत बढ़ाया है, जिससे बड़ी संख्या में नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
5. ई-पासपोर्ट जारी होने की स्थिति (80 लाख+)
मई 2025 से अब तक भारत में 80 लाख से अधिक ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं, जो पासपोर्ट अपग्रेडेशन के तेजी से आगे बढ़ने का प्रमाण है।
यह बड़ी संख्या यह भी दिखाती है कि भारतीय नागरिक आधुनिक तकनीक आधारित पहचान दस्तावेजों को अपनाने में सक्रिय हैं।
ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए देशभर के पासपोर्ट कार्यालय उन्नत किए जा चुके हैं, और नए इंफ्रास्ट्रक्चर ने उत्पादन क्षमता बढ़ाई है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार आने वाले कुछ वर्षों में यह संख्या कई गुना बढ़ेगी।
6. ई-पासपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ
ई-पासपोर्ट में अत्याधुनिक सुरक्षा विशेषताएँ होती हैं जो पहचान की सुरक्षा और सत्यापन को मजबूत बनाती हैं।
इसमें डिजिटल सिग्नेचर, सिक्योर एन्क्रिप्शन और हाई-टेक RFID तकनीक शामिल है, जिसे नकली बनाना बेहद मुश्किल है।
ई-पासपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि यह अंतरराष्ट्रीय ICAO मानकों का पालन करता है, जिससे इसे दुनिया भर में मान्यता मिलती है।
यह पासपोर्ट तेज स्कैनिंग और त्वरित इमिग्रेशन प्रक्रिया को संभव बनाता है।
7. पारंपरिक पासपोर्ट और ई-पासपोर्ट में अंतर
पारंपरिक पासपोर्ट केवल प्रिंटेड जानकारी पर आधारित थे, जबकि ई-पासपोर्ट डिजिटल चिप और बायोमेट्रिक डेटा को शामिल करता है।
पारंपरिक पासपोर्ट की सुरक्षा सीमित थी, जबकि ई-पासपोर्ट में एन्क्रिप्शन तकनीक से डेटा सुरक्षित रहता है।
ई-पासपोर्ट को एयरपोर्ट स्कैनर तेजी से पढ़ लेते हैं, जबकि पुराने पासपोर्ट की मैनुअल चेकिंग में समय लगता था।
ई-पासपोर्ट आधुनिक वैश्विक सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप है, जबकि पारंपरिक पासपोर्ट अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं।
8. 2035 तक पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट का लक्ष्य
भारत सरकार ने 2035 तक सभी पासपोर्ट को पूर्ण ई-पासपोर्ट में बदलने का लक्ष्य रखा है। यह एक महत्वाकांक्षी लेकिन महत्वपूर्ण योजना है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पासपोर्ट कार्यालयों का आधुनिकीकरण, तकनीकी प्रशिक्षण और नई मशीनों की स्थापना तेजी से की जा रही है।
2035 तक सभी नए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे और पुराने पासपोर्ट स्वाभाविक रूप से उनके समाप्ति के बाद बदले जाएंगे।
यह योजना भारत को दुनिया के आधुनिकतम यात्रा दस्तावेज़ प्रणाली वाले देशों में शामिल कर देगी।
9. ई-पासपोर्ट के लाभ
ई-पासपोर्ट का सबसे बड़ा लाभ सुरक्षा स्तर में बढ़ोतरी है, जिसमें नकली पासपोर्ट की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।
इमिग्रेशन प्रक्रिया तेज होती है, जिससे यात्रियों को कम समय में क्लियरेंस प्राप्त हो जाता है।
चिप में स्टोर जानकारी को छेड़छाड़ करना लगभग असंभव होता है, जिससे नागरिकों के डेटा की सुरक्षा बढ़ती है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रा में भारत की विश्वसनीयता और पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है।
10. ई-पासपोर्ट जारी कराने की प्रक्रिया
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन बिल्कुल सामान्य पासपोर्ट प्रक्रिया जैसा है, जिसमें ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
आवेदन जमा करते समय नागरिकों से बायोमेट्रिक डेटा लिया जाता है, जिसे चिप में डिजिटल रूप से सुरक्षित किया जाता है।
दस्तावेज़ सत्यापन और पुलिस वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद पासपोर्ट प्रिंट किया जाता है और RFID चिप एम्बेड की जाती है।
कुछ ही दिनों में नया ई-पासपोर्ट तैयार होकर नागरिक के पते पर भेज दिया जाता है।
ई-पासपोर्ट व पारंपरिक पासपोर्ट का अंतर: एक सरल तालिका
| विशेषता | पारंपरिक पासपोर्ट | ई-पासपोर्ट |
|---|---|---|
| डेटा प्रकार | प्रिंटेड | डिजिटल + RFID चिप |
| सुरक्षा | मध्यम | उच्च (एन्क्रिप्टेड) |
| इमिग्रेशन समय | धीमा | तेज़ |
| फर्जीवाड़ा रोकथाम | कम | बेहद उच्च |
Frequently Asked Questions (FAQs)
- ई-पासपोर्ट क्या होता है?
- क्या ई-पासपोर्ट पुराने पासपोर्ट से ज्यादा सुरक्षित है?
- RFID चिप में कौन-सी जानकारी रहती है?
- क्या पुराना पासपोर्ट भी ई-पासपोर्ट में बदला जा सकता है?
- क्या ई-पासपोर्ट के लिए नई फीस लगती है?
- क्या सभी एयरपोर्ट्स पर ई-पासपोर्ट स्कैनर उपलब्ध हैं?
- ई-पासपोर्ट कितने समय में मिलता है?
- क्या ई-पासपोर्ट में बायोमेट्रिक बदल सकते हैं?
- क्या भारत में बच्चों को भी ई-पासपोर्ट मिलता है?
- क्या 2035 के बाद सभी पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे?
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